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शुद्ध पहाड़ी
शुद्ध पहाड़ी
पहाड़ तू पहाड़ मैं…गूंज तू दहाड़ मैं… टेढ़ी-मेढ़ी राह मेंकभी अटक कभी भटकचल रहे सरक सरककभी हंसें कभी सिसक मिटाने को तेरा मिथकरहें अडिग रहें अथक सूर्य का प्रताप तूवटवृक्ष की हूॅं आड़ मैं आर तू है पार तूतो तेरे…